क्रिया (Verb)
जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का पता चले वे शब्द क्रिया कहलाते हैं ।
धातु
क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं । धातु में प्रत्यय जोड़कर अन्य क्रिया शब्द बनाए जाते हैं । जैसे - खा (धातु) + ना (प्रत्यय) = खाना, जा (धातु) + ना (प्रत्यय) = जाना, चल (धातु) + ना (प्रत्यय) = चलना
अंगिका में दो प्रकार के धातु हैँ - मूल, यौगिक
मूल धातु
मूल धातु चार प्रकार के होते हैं - (क) तत्सम (ख) तदभव (ग) प्रेरणार्थक (घ) देशज
यौगिक धातु
क्रिया पर लिंग परिवर्तन का प्रभाव
लिंग में परिवर्तन होने पर क्रिया का रूप भी बदल जाता है । जैसे -
लिंग परिवर्तन होने पर - बेटा खेली रहलऽ छै । बेटी खेली रहली छै ।
क्रिया पर कारक परिवर्तन का प्रभाव
कारक में परिवर्तन होने पर क्रिया का रूप भी बदल जाता है । जैसे -
कारक परिवर्तन होने पर - राम न॑ पेंसिल सें लिखलकै । राम पेंसिल सें लिखी रहलऽ छै ।
क्रिया पर वचन परिवर्तन का प्रभाव
वचन में परिवर्तन होने पर क्रिया का रूप नहीं बदल जाता है । जैसे -
वचन परिवर्तन होने पर - बेटी इसकूल जाय रहली छै । बेटी सिनी इसकूल जाय रहली छै ।
सहायक क्रिया (Auxiliary Verb) - जिस क्रिया का प्रयोग कर क्रियाओं के प्रकार, काल और वाच्य का निर्माण होता है, उन्हें सहायक क्रिया कहते हैं ।
अंगिका की मुख्य सहायक क्रियाएँ हैं - छै, छी, छेकै, छिकै,छिका, छिऐ, छेलिऐ, छलिऐ, छलियै, छेलै, छलै, छलैं, रहै, रहैं, छिका । सहायक क्रियाओं में छै, छिका,छिकै के आधार पर ही अंगिका को अंग्रेज भाषाविद ने छिका-छिकी के नाम से पुकारा था ।
कृदंत क्रिया ( Participle Verb)
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